लेखनी प्रतियोगिता -19-Dec-2022... पुनर्जन्म...??
आनन फानन में उन सभी ने मिलकर सोनल की लाश को गाँव के बाहर खाली जमीन में दफनाने का विचार किया... ओर अपने काम को रात के अंधेरे में अंजाम भी दिया...।
सवेरे की पहली किरण के साथ ही सोनल का सबसे छोटा भाई अपनी बहन के लिए ढेरों उपहार लेकर उससे मिलने पैदल ही निकल पड़ा...। दोपहर की पहली किरण निकलते ही वो सोनल के ससुराल पहुंचा और उसे घर के बाहर से आवाज देने लगा...। सोनल का पति और ससुराल के लोग आवाज सुनकर बाहर आए ओर उसके भाई की खुब आवभगत की फिर उससे अचानक आने का कारण पुछा...। तो उसने सिर्फ सोनल से मिलने की इच्छा जताई...।
ये सुन सोनल का पति बोला :- क्या मजाक कर रहें हो साले साहब... सोनल से मिलने यहाँ आने का क्या मतलब....अरे वो आप ही के घर तो है...!
हमारे घर...!
हां... अरे वो तो दो दिन पहले ही यह कह कर निकल गई थीं की भाइयों की बहुत याद आ रहीं हैं... मन नहीं लग रहा है... मुझे मिलने जाना हैं.... मैने उसे बहुत समझाया की कुछ दिन रुक जा फिर साथ में चलते हैं... लेकिन वो रोने लगी इसलिए मैंने उसे जाने दिया...।
ये कैसे हो सकता हैं... वो तो हमारे यहाँ पहुंची ही नहीं...।
सोनल का पति अपने किए पर पर्दा डालते हुवे हैरान होकर खड़ा हो गया और रोनी सुरत बनाकर रुंआसी आवाज में बोला :- ये आप क्या कह रहे हो साले साहब...ऐसा कैसे हो सकता हैं... नहीं... नहीं आप मजाक कर रहें हो तो कृपया बता दो... मेरा दिल बैठा जा रहा हैं..।
उसे ऐसे देख सोनल का भाई भी परेशान हो गया और दोनों दौड़ते हुवे ... सोनल की खोज करने निकल गए... खोजते खोजते वो दोनों अपने भाइयों के पास पहुंचे ओर उन्हें सारी आपबीती बताई...। अब चारो भाई और सोनल का पति... पांचों मिलकर उसकी तलाश में जुट गए..। घंटे... दिनों में.. ओर दिन महीनों में बदलने लगे... लेकिन सोनल का कोई अता पता नहीं चला...। देवदास जैसी शक्ल लेकर आखिर कार सोनल का पति अपने घर वापस लौटा अपने ससुराल वालों को ये यकीन दिलाकर की सोनल के जाने का दुख उसे सबसे ज्यादा हैं...।
चारो भाई... अब उसके मिलने की उम्मीद भी छोड़ चुके थे...।
महीनों बाद एक राहगीर जो बांस की लकड़ी से बांसुरी बनाकर लोगों को बेचा करता था ...वो एक रोज़ उसी राह से गुजरा ओर उसने सोनल को दफन की गई जगह पर बांस का एक बेहद चमकीला पेड़ देखा...। उसने तुरंत उस पेड़ से बांस तोड़ी ओर उसमें से एक बहुत प्यारी बांसुरी बनाई....। बांसुरी बनाने के बाद उसने जैसे ही बजाने के लिए उसे अपने होठों पर लगाया... उस बांसुरी में से सोनल की आवाज आई जो कह रहीं थीं..... हे मालिक... मुझे यहाँ मत बजा... मुझे वहाँ बजा जहाँ मेरे भाई रहते हैं...।
ये सुन वो राहगीर हैरान हो गया की बांसुरी में से किसकी आवाज आ रहीं हैं...। जब उसने पुछा तो बांसुरी में से आवाज आई.... मैं सोनल हूँ... मुझे मेरे भाइयों से मिलवाओ...।
ये सुन... राहगीर समझ गया की इसमें जरूर किसी आत्मा का वास हैं...। लेकिन बांसुरी इससे ज्यादा कुछ नहीं बोली...। बिना पते ठिकाने के वो ढुंढता भी तो कैसे...!!
लेकिन उसने अपने मन में ठानी ओर गाँव गाँव जाकर हर घर के बाहर बांसुरी बजाता...। बांसुरी में से आवाज आतीं... नहीं नहीं मालिक...... ये मेरा घर नहीं हैं... मुझे मेरे भाइयों से मिलवाओ...। (ये पंक्तियाँ मेरी मम्मी गाने के रुप में सुनाती थीं) ...।
ऐसा करते करते एक दिन वो राहगीर सोनल के घर के बाहर पहुंचा...। चारो भाई उस वक्त घर के अलग अलग कोनों में मायुस और उठास से बैठे थे...। उस राहगीर ने बांसुरी को जैसे ही होंठो से लगाया.. उसमें से आवाज आई:- हां... यहीं तो मेरा घर हैं... यहीं तो मेरे भाई रहते हैं..।
चारो भाइयों ने जब सोनल की आवाज सुनी तो चारो दौड़ते हुवे घर के बाहर आए.... लेकिन वहाँ उन्हें उस बांसुरी वाले के अलावा कोई नहीं दिखा... उन चारो ने उससे पुछा :- अभी अभी किसी की आवाज आई थीं.. वो कहाँ से आई... तुमने किसी को देखा..।
तब बांसुरी वाले ने सारी दास्ताँ उन चारो को बताई और बांसुरी उनके हवाले की..। चारो भाइयों ने जब इसके पीछे की सच्चाई पुछी तो बांसुरी में बंद सोनल की आत्मा ने सब सच बयान किया और राहगीर की मदद से उन्हें सोनल का कंकाल भी मिला..। चारो भाईयों ने विधिवत उस कंकाल का अंतिम संस्कार किया और सोनल की आत्मा की शुद्धि के लिए पाठ और हवन भी करवाया..। लेकिन उस बांसुरी को उन्होंने अपने पास संभाल कर रखा...। अब उसमें से सोनल की आवाज तो नहीं आतीं थी... लेकिन उसे उसकी निशानी समझकर रख दिया...।
पंचायत और गाँव वालों की मदद से आखिर कार उन्होंने सोनल के पति और ससुराल वालों को भी सबक सिखाया और उन्हें कड़ी सजा दी..।
पुनर्जन्म सिर्फ इंसानी शरीर में हो... ऐसा जरुरी नहीं हैं... कभी कभी निर्जीव चीजों से या किसी दूसरे प्राणी के द्वारा भी आत्माएं अपनी बात कहती हैं...।
shweta soni
22-Dec-2022 06:35 PM
बहुत अच्छा लिखा है आपने
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Mahendra Bhatt
20-Dec-2022 06:21 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
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